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अभी तो मंज़िल तक जाने का सफर शुरू किया है,
अभी तो बहुत दूर तक जाना है
ये जो आसमान अपनी बुलंदियों पर इतरा रहा है,
इसे भी तो हमे निचे झुकाना है
Source:- pixabay.com ये रोना रुलाना तो यार अपना काम नहीं देवदास नहीं है किसी पारो के, इसलिए हाथों में कोई जाम नहीं
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