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किसी को बस चाहने भर से कोई क्यों मिल जाए, ऐसे तो सबकी ही मुट्ठी में ज़माना होता
ये ख्याल तो बस एक ख्वाब बनकर रह गया, की तुम्हारे हाथों की मेहँदी में नाम हमारा होता
Source:- pixabay.com ये रोना रुलाना तो यार अपना काम नहीं देवदास नहीं है किसी पारो के, इसलिए हाथों में कोई जाम नहीं
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