Source: pixbay.com
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का, इन निगाहों में दूसरा कोई चेहरा ही नहीं आया
तुम छोड़ कर गए थे हमे जिस रात में, उस रात का कभी सवेरा ही नहीं आया
Source:- pixabay.com ये रोना रुलाना तो यार अपना काम नहीं देवदास नहीं है किसी पारो के, इसलिए हाथों में कोई जाम नहीं
No comments:
Post a Comment