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ज़िम्मेदारी निभाते निभाते उम्र गुज़र जाती है
जब अपनी ज़िन्दगी जीने की बारी आती है, तो ये ज़िन्दगी ही बिखर जाती है
Source:- pixabay.com ये रोना रुलाना तो यार अपना काम नहीं देवदास नहीं है किसी पारो के, इसलिए हाथों में कोई जाम नहीं
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