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बिस्तर की सिलवटों में आज भी तेरी यादें बाकि है
तेरे साथ गुज़रे लम्हो की यादें, जीने के लिए काफी है
Source:- pixabay.com ये रोना रुलाना तो यार अपना काम नहीं देवदास नहीं है किसी पारो के, इसलिए हाथों में कोई जाम नहीं
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